अम्ल वर्षा में सल्फ्यूरिक अम्ल (H2SO4) और नाइट्रोजन के आॅक्साइड (नाइट्रिक अम्ल)(HNO3) मिले रहते हैं। अम्ल वर्षा का तात्पर्य उस वर्षा कोहरा और हिम से है, जिससे कार्बन-डाईआॅक्साइड के अतिरिक्त सल्फर डाइआॅक्साइड और नाइट्रोजन के आॅक्साइड घुले होते हैं। अम्ल वर्षा जल साधन, जंगल, इमारत, संक्षारण जैसी प्राकृतिक या मानव निर्मित संसाधन प्रभावित होता है। पहली बार इसका पता 'स्कैण्डीनेविमा' में चला था।
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