एशियाई खेल का मोटो क्या है?

(A) हमेशा आगे की ओर
(B) सद्भाव और प्रेम
(C) भारतीय लोगों को खेलों के प्रति जगाना
(D) खेलों को बढ़ावा

asian-games
Correct Answer : हमेशा आगे की ओर (Always forward)
एशियाई खेल का मोटो 'हमेशा आगे की ओर' है। एशियाई खेल के प्रणेता प्रोफेसर गुरुदत्त सोंधी का उद्देश्य खेलों के माध्यम से एशियाई देशों को एक साथ करना था जिससे सद्भाव और प्रेम को बढ़ावा मिले। प्रारम्भ में इस खेल का नाम ‘एशियाटिक खेल’ रखा गया था। बाद में पं. जवाहरलाल नेहरू के सुझाव पर इस खेल का नाम ‘एशियाई खेल’ रखा गया। प्रथम एशियाई खेल का आयोजन 4 मार्च, 1951 को नई दिल्ली के नेशनल स्टेडियम में हुआ था।
Useful Quotations for : UPSC, State PSC, IBPS, SSC, Railway, NDA, Police Exams
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